यादें बेरहम…

किस तरहा ….किस तरहा…?

अब कैसे गुज़रती है, बताऊं तो किस तरहा
हाले दिल क्या है तुझको, बताऊं तो किस तरहा
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धड़कनो में तेरी सदाओं का शोर बहुत है
ख़ामोशी से तुमको ये मैं, सुनाऊं तो किस तरहा
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मेरे चहरे पे तेरी यादों के अक्स उतरते है
मैं तुमसे या ज़माने से, छुपाऊं तो किस तरहा
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तेरी मजबूरियों का खाका भी लाज़मी है
फ़ना होने की रस्म-ए-इश्क़, निभाऊं तो किस तरहा
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पलते हैं रोज़ नये ख्वा़ब तेरी आगोश के ज़हन में
सब से छुपा कर तुमको इतना क़रीब, लाऊं तो किस तरहा

😎 10-Aug-2018

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कभी तो देख……

कभी इतना क़रीब आ कर तो देख
यूंँ नहीं ज़रा पास आ कर तो देख
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तुमसे कितनी मुहब्बत है कैसे बताऊँ
कभी नज़रों से नज़र मिला कर तो देख
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तुझे अश्कों से भिगो दूंगा
मुझे कभी सीने में छुपा कर तो देख
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मेरी बातें समझ नहीं आती ना तुझको
कभी इन्हें दुसरों से पढ़ा कर तो देख
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रूहें हैं ता-उम्र की प्यास से भरी हैं
इश्क़ हूँ मुझ में कभी समा कर तो देख

😎15-Aug-2018

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मैं तो बस मैं हूँ..

मैं..मैं तो बस मैं हूँ..चाहें जैसी भी हूँ..
खुद से ही खुश…चाहें कैसी भी हूँ….
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हूँ न मैं खूबसूरत, छरहरी..,
नायिकाओं सी काया है मेरी…
मुझे खुद पे ही है नाज़..
हाय​…क्या अदा है मेरि..
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क्या करूँ, क्यों करूँ, क्या नहीं करूँ
अब नहीं करनी किसी की परवाह​…
नहीं करना कोई ख़याल​,
अब तो लगता है वही करूँ,
जो दिल में दबा के रखी थी चाह​…
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अपने साथ लेकर, थाम हाथ में जुगनुओं को..
रौशन ज़िन्दगी बनाऊँगी, फिर से खिलखिलाऊँगी…
बहुत मनाया सबको, अब खुद को भी थोडा मनाऊँ…..

😎27-Aug-2018
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इश्क जुदा है मेरा …….

मेरे इश्क़ के तरीके़ जुदा हैं औरों से
बिना कुछ कहे-सुने प्यार करना आता है
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तुमसे कुछ ख़ास रूहदारी है
दूर होकर भी मुझे पास रहना आता है
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मिलोगी ना तुम कभी तो क्या नाकामी है
मुझे हवाओं से बातें करना आता है
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कब क्या कहाँ कैसे होगा पता नहीं
जब तक हैं संग रंगों की बात करना आता है😎28-Aug-2018
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